विकास कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों में आने वाला धन लिख रहा है भ्रष्टाचार की पटकथा
केएमबी ब्यूरो
सुल्तानपुर। जिले में विकास की गाथा लिखने वाले ग्राम पंचायतों में आज भी विकास कार्य कोसों दूर है और ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के लिए आई धनराशि भ्रष्टाचारियो के भेंट चढ़ गई है। सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार भले ही ग्राम प्रधानों व ग्राम सचिवों द्वारा ग्राम पंचायत में किया जा रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तरह-तरह के कानून बना रही हो लेकिन भ्रष्टाचारी ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव सरकार को चूना लगाने का कोई न कोई रास्ता ढूंढ ही लेते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं विकासखंड कूरेभार अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सैफुल्लागंज की जहां विकास कार्य तो कम हुआ है लेकिन शासकीय धन की लूट धड़ल्ले से जारी है। इस ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव की मिलीभगत से विकास कार्य के नाम पर हैंडपंप रिबोर, हैंडपंप मरम्मत तथा खड़ंजा नाली निर्माण व मरम्मत दिखाकर बड़े पैमाने पर सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है। ग्राम प्रधान द्वारा अपने ही परिवार के एक सदस्य को मजदूर बताकर फर्जी तरीके से उसके खाते में भुगतान किया जा रहा है। यही नहीं सब्जी व पान बेचने वालों के जॉब कार्ड बनाकर बिना काम कराये मनरेगा योजना से फर्जी जॉब कार्ड धारकों को भुगतान किया जा रहा है। ग्राम प्रधान द्वारा बनाए गए जॉब कार्ड धारकों की पड़ताल की गई तो ज्यादातर कार्ड धारक अपना खुद का बिजनेस करते हुए पाए गए।
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