मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता में नहीं हो रहा सुधार, एमडीएम प्रभारी घनश्याम उईके स्व सहायता समूह पर क्यों है मेहरबान
धनौरा - सिवनी जिले के अंतर्गत आने वाले शासकीय कन्या माध्यमिक शाला धनौरा का मामला स्कूली बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए बनाई गई महत्वाकाक्षी योजना में नही मिल पा रहा शुद्ध मध्यान भोजन स्कूली बच्चों के भोजन की गुणवत्ता पर उठने वाले सवालों में कोई कमी नहीं आई है भोजन में पाई जाने वाली कमियों को दूर करने का प्रयास तो दूर इसके निर्देशों का पालन करने में भी लापरवाही बरती जा रही है स्व सहायता समूह भी लापरवाह है इन समूह के संचालक के साथ-साथ स्कूल के प्रभारी शिक्षक को भोजन की देखरेख और उसके स्वाद की परख की जिम्मेदारी सौंपी जाती है लेकिन यह प्रक्रिया प्रत्येक क्षेत्र में कारगर नहीं हो सकी है पौष्टिक आहार मुहैया कराने में नहीं मिल रही सफलता स्कूल के बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भले ही मिड-डे मील की शुरुआत की गई हो लेकिन मौजूदा समय में इसकी हालत चिंतनीय है मिड-डे मील आहार के माध्यम से हर हफ्ते बच्चों को अलग-अलग पोषण वाले आहार देने के नियमों के पालन में लापरवाही बरती जा रही है इसके कारण बच्चों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है बच्चों को अलग-अलग प्रकार के ब्यंजनों की लिस्ट के माध्यम से बच्चों में वसा प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा को संतुलित रखना था लेकिन इस कार्य में अब तक सफलता नहीं मिल सकी है। खबर प्रशासन के बाद इस मामले में एमडीएम प्रभारी कितनी गंभीरता दिखाएंगे क्या स्व सहायता समूह पर होगी कार्यवाही यह तो आने वाला समय ही बताएगा।।
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