दिवंगत शिक्षक के मामले में एफआईआर न दर्ज करना सरकार को बदनाम करने की बड़ी साजिश- डॉक्टर महिमा
सुल्तानपुर। दिवंगत शिक्षक के मामले में प्रशासन की संवेदनहीनता सामने आ रही है। खंड शिक्षा अधिकारी पर बारंबार आरोप लगने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा उसके खिलाफ मुकदमा न दर्ज करना प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करने की बड़ी साजिश है। मालूम हो कि शिक्षक सूर्य प्रकाश द्विवेदी खंड शिक्षा अधिकारी कुड़वार की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी कर ली। खबर लिखे जाने तक शिक्षक के परिजन खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज होने और परिवार की अन्य मांगों के पूरे किए जाने के बाद ही अंतिम संस्कार करने पर अङे हुए हैं। शिक्षक सूर्य प्रकाश द्विवेदी की मौत के मामले में भाजपा नेता डा.महिमा शंकर द्विवेदी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिले का प्रशासन भ्रष्टाचार में लिप्त है और भ्रष्टाचारी अधिकारियों का साथ दे रहा है। एफआईआर मात्र से कोई दोषी नहीं हो जाता तो फिर फिर खंड शिक्षा अधिकारी कुड़वार के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं होती। डॉक्टर महिमा शंकर द्विवेदी ने मांग किया कि खंड शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हो और उसे पर कार्यवाही हो। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी जिले में शिक्षकों से वसूली के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों पर दबाव बनाकर उन्हें परेशान करवाती हैं, जांच एवं निलंबन की धमकी देकर महीना वसूला जा रहा है जिसकी जानकारी प्रशासन तक को है। बावजूद इसके खंड शिक्षा अधिकारी कुड़वार मनोजीत राव के उत्पीड़न से शिक्षक सूर्य प्रकाश द्विवेदी आत्महत्या कर रहे हैं और उन्हें प्रशासन न्याय दिलाने की बजाय दबाने में जुटा हुआ है। डा. महिमा शंकर द्विवेदी ने कहा कि इस मामले को वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाएंगे और बेसिक शिक्षा अधिकारी की कार्य गुजारियों व जिला प्रशासन की नाकामियों को उनके समक्ष रखकर कार्यवाही की मांग करेंगे।
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