शिवम द्विवेदी ने यूपीपीसीएस 2023 में सफलता अर्जित कर क्षेत्र व जिले का नाम किया रोशन
सुल्तानपुर। जिले के बरवारीपुर गांव के निवासी शिवम द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में चयनित होकर एक मिसाल स्थापित की है। शिवम दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ ग्रैजूएट है। इससे पहले भी इनका चयन यूपीपीसीएस द्वारा आयोजित परीक्षा मे आल इंडिया रैंक 35 के साथ प्रवर्तन अधिकारी पद पर हो चुका है।
शिवम द्विवेदी के पिता बंशराज द्विवेदी द लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में चीफ लाइफ इंश्योरेंस एडवाइजर तथा माताजी शान्ती द्विवेदी घर की संचालिका है। बधाई संदेश देने के लिए बजती फ़ोन की घंटियाँ, परिश्रम के बलबूते एक परिवार का जिले की ऑफ़िसर फ़ैमिली बन जाने के सफर बयां करती है। माँ सरस्वती के आशीर्वाद, और कठिन परिश्रम के बलबूते, बंशराज द्विवेदी के बच्चों ने लोक सेवा आयोग की परीक्षाओ मे अपना परचम लहराया है। शिवम भाइयों में सबसे छोटे हैं। इनके सबसे बड़े भाई रवि शंकर द्विवेदी जिनका चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यूपीपीसीएस 2017 में जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर हुआ है और वर्तमान में जनपद कौशांबी के जिला पंचायत राज अधिकारी हैं। निखिल द्विवेदी जिनका चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2019 में वन क्षेत्राधिकारी के पद पर हुआ था, अभी वन क्षेत्राधिकारी लालगंज, आजमगढ़ के रूप मे सेवा दे रहे है। शिवम के तीसरे भाई निर्भय द्विवेदी चकबंदी अधिकारी के पद पर वर्तमान मे अमेठी मे नियुक्त है। और अब शिवम द्विवेदी पीसीएस 2023 में शिवम द्विवेदी सब रजिस्ट्रार के पद पर चयनित हुए हैं। बच्चो की सफलता से प्रफुल्लित बंशराज द्विवेदी ने बताया कि सभी बच्चे शुरू से ही मेधावी थे। इन सबकी प्रारंभिक शिक्षा कादीपुर के सरस्वती शिशु मंदिर एवं सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज कादीपुर सुलतानपुर में हुई है। रवि जहाँ कमला नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान से कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नॉलजी में ग्रैजूएट हैं। वहीं निखिल ने नेशनल इंस्टीट्यूट ओफ़ टेक्नॉलजी त्रिचिरापल्ली तमिलनाड़ु से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। निर्भय ने सोसियोलोजी में मास्टर्स तो शिवम दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ मे ग्रैजूएट है।शिवम ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता शांती द्विवेदी, पिता बंश राज द्विवेदी, गुरुजनों, बहन प्रियंका तथा बड़े भाई रवि, निश्चय, निखिल और निर्भय को दिया है। परिवार की इस उपलब्धि पर पूरा गाँव एवम् जनपद सुलतानपुर प्रसन्नता तथा गर्व की अनुभूति करता है। द्विवेदी परिवार आज इस बात का अटूट प्रमाण है, एक आश्वासन है कि शिक्षा के प्रति समर्पण जीवन मे सफलता की एक अकाट्य कुंजी है।
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