टप्पेबाजी की घटना के चार दिन बाद भी नहीं दर्ज हुई पीड़ित की एफआईआर
केएमबी ब्यूरो
सुल्तानपुर। एटीएम बदलकर पीड़ित के खाते से पैसा निकल जाने के चार दिन बाद भी पीड़ित की तहरीर पर पुलिस द्वारा एफआईआर न दर्ज करना योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को पलीता लगाने से कम नहीं है। कम रिस्क और मोटी कमाई, अब इसी हथियार को धार देकर अपराधी मोटी कमाई करने का रास्ता अपना रहे हैं। अपराध का यह तरीका इसलिए भी आम हो गया है क्योंकि पकड़े गए तो पब्लिक थोड़ी बहुत पिटाई करके छोड़ देती है। मामला थाने तक पहुंचा तो सेटिंग गेटिंग के माध्यम से निपटा तो ठीक नहीं तो मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया जाता है। अपराधियों को यह रास्ता इसलिए भी ठीक लगता है कि ऐसे मामलों में न तो खून खराबे का झंझट और न ही जान जाने का जोखिम होता है। अपराधी पहले चुनते हैं शिकार फिर मारते हैं झपट्टा। ऐसा ही टप्पेबाजी का एक ताजा मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र का सामने आया है। उत्तर प्रदेश सीतापुर जिले के रहने वाले सोहेल ने बताया बीते 9 फरवरी को गोसाईगंज बाजार स्थित इंडियन एटीएम से पैसा निकालने के लिए गया था लेकिन सर्वर डाउन होने के कारण पैसा नहीं निकल पा रहा था। कम पढ़े लिखे होने के कारण सोहेल इस बात को नहीं समझ पाया तो वहीं खड़े टपपेब्जो ने पीड़ित को झांसा देकर उसका एटीएम कार्ड बदल लिया। पीड़ित ने बताया टप्पेबाजो द्वारा दिया गया एटीएम भी इंडियन बैंक का था जिसकी वजह से वह टप्पेबाजो के मंसूबों को नहीं भाफ सका और एटीएम कार्ड जेब में रखकर बिना पैसा निकाले ही वापस चला गया। लगभग आधे घंटे बाद जब पीड़ित के मोबाइल पर पैसे निकलने का मैसेज आना शुरू हुआ तो उसके होश उड़ गए। पीड़ित ने बताया केएनआई गेट पर लगे बैंक ऑफ़ बड़ौदा कमला नेहरू एटीएम से उसके खाते से पैसे निकाले जाने का मैसेज पहली बार 5:59 पर आया जिसमें दो बार दस-दस हजार रुपए करके निकाला गया। दूसरा मैसेज 6:00 पर आया जिसमें 10000 रुपए निकाला गया, तीसरा मैसेज 6:02 पर आया इसमें भी 10000 रुपए निकाला गया। लगातार पैसे निकाले जाने का मैसेज आने पर पीड़ित समझ गया कि उसके साथ टप्पेबाजी की घटना हो गई है। पीड़ित ने तत्काल बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर फोन करके अपना एटीएम कार्ड ब्लॉक करवा दिया लेकिन तब तक उसके खाते से 10000 रुपए और निकाल चुके थे जिसका मैसेज नहीं प्राप्त हुआ। पीड़ित को बैंक द्वारा बताया गया पीड़ित के खाते से टोटल 50000 रुपए निकाले गए हैं। घटना की अगली सुबह 10 फरवरी को लिखित तहरीर देकर थानाध्यक्ष गोसाईगंज को अपने साथ हुई टप्पेबाजी की घटना से अवगत कराया और कार्यवाही की मांग की लेकिन घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी गोसाईगंज पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस संबंध में दूरभाष के जरिए थानाध्यक्ष धीरज कुमार से वार्ता की गई तो उन्होंने गैर जिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि इस घटना के बारे में मुझे कुछ पता ही नहीं है आपके माध्यम से पता चला है तो मैं इसको दिखवाता हूं। थानाध्यक्ष का कहना है कि एटीएम से पैसा कोतवाली नगर थाना क्षेत्र में निकाला गया है तो ऐसे में हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं। पीड़ित को कोतवाली नगर जाना चाहिए और जब पीड़ित कोतवाली नगर गया तो प्रभारी निरीक्षक श्रीराम पांडे ने कहा घटना गोसाईगंज थाना क्षेत्र की है, नगर कोतवाली पुलिस इसमें कुछ नहीं कर सकती है, गोसाईगंज थाना जाइए। अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस पीड़ित की एफआईआर दर्ज अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही कर पीड़ित के पैसे वापस दिलाती है या इसी तरीके से पीड़ित कोतवाली नगर से गोसाईगंज और गोसाईगंज थाने से कोतवाली नगर का की परिक्रमा ही करता रहेगा।
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