सरकारी पर्चे पर प्राइवेट दवाएं लिखने के साथ चहेती पैथोलाजी पर भेजे जा रहे हैं अल्ट्रासाउंड हेतु मरीज
केएमबी ब्यूरो
सुल्तानपुर। प्रदेश सरकार का दावा सरकारी अस्पतालों में सभी जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध, फिर भी जनपद के राजकीय मेडिकल कॉलेज के ओपीडी में बैठकर डॉक्टरों द्वारा सरकारी पर्चे पर धड़ल्ले से लिखी जा रही प्राइवेट दवाएं। इसके पीछे की वजह जब अस्पताल के डॉक्टरों से जानने की कोशिश की गई तो डॉक्टरों द्वारा अस्पताल में सरकारी दवाएं उपलब्ध न होने का तर्क देते हुए कहा गया कि मजबूरी में लिखनी पड़ती है प्राइवेट दवाएं जबकि प्रदेश सरकार से लेकर राजकीय मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार अधिकारियों का दावा है कि सरकार के पास दवाओं की कोई कमी नहीं है और मरीजों को निशुल्क यानी फ्री उपलब्ध कराई जा रही है। ऐसे तर्कों के लिहाज से कौन सच और कौन झूठ बोल रहा है अपने आप में बड़ा सवाल है लेकिन फिर भी ओपीडी के डॉक्टरों द्वारा प्राइवेट दवा लिखा जाना इसी तरफ इशारा करता है कि या तो जिला अस्पताल के डॉक्टर्स पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुधीर गोयल का नियंत्रण ही नहीं है या फिर सरकारी दावाओं का जिम्मेदारों द्वारा ही दुरुपयोग किया जा रहा है। राजकीय मेडिकल कॉलेज के गेट के बाहर मेडिकल स्टरों पर सरकारी पर्चा लिए मरीजों की पूरे दिन लंबी कतार लगी रहती है। विदित रहे की बीते कई माह से राजकीय मेडिकल कॉलेज में रेडियोलाजिस्ट न होने के कारण दूर दराज से आए मरीजों को अल्ट्रासाउंड मजबूरन बाहर ही करवाना पड़ता है और ओपीडी में बैठे डॉक्टर भी कमीशनखोरी के चक्कर में गरीब एवं असहाय मरीजों को अपने चहेते अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भेज रहे हैं। आज शुक्रवार 23 फरवरी को राजकीय मेडिकल कॉलेज के ओपीडी कक्ष संख्या 11 में ओपीडी कर रहे डॉक्टर गोलाघाट स्थित मेडीसेवा के पर्चे पर मरीज को अल्ट्रासाउंड लिखा जा रहा था। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुधीर गोयल को अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा यदि किसी डॉक्टर द्वारा ऐसा किया जा रहा है तो गलत है, तत्काल इस मामले को दिखवाता हूं।
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