राजस्व टीम की मिलीभगत से बंजर भूमि पर रात के अंधेरे में चोरी चुपके लादी गई छत
केएमबी ब्यूरो
सुल्तानपुर। भू-माफिया एवं राजस्व टीम के गठजोड़ का पुराना नाता है। भू-माफिया लेखपाल एवं कानूनगो की मिलीभगत से आए दिन सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण करते रहते हैं। ताजा मामला लंभुआ तहसील के ग्राम पंचायत भरथीपुर का है जहां के सुभाष चंद्र एवं धर्मेंद्र कुमार राजस्व टीम की मिलीभगत से रात के अंधेरे में चोरी चुपके से छत लादकर बंजर भूमि पर कब्जा करने में कामयाब रहे। ग्राम पंचायत भरथीपुर की गाटा संख्या 65ख पर सुभाष चंद्र एवं धर्मेंद्र कुमार की काफी दिनों से नजर थी। पहले धीरे-धीरे दीवाल खड़ी किया और फिर बीती 27 फरवरी की रात के अंधेरे में चोरी चुपके स्थानीय लेखपाल की मदद से छत लादने में सफल रहे। बीती 27 फरवरी को दिन में इनके द्वारा बंजर भूमि 65ख पर छत लगाने जाने की शिकायत एसडीएम लंभुआ से की गई तो एसडीएम ने लेखपाल को तत्काल सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को रुकवाने के लिए निर्देशित किया गया। एसडीएम के निर्देश पर मौके पर जाकर लेखपाल द्वारा सुभाष चंद्र एवं धर्मेंद्र कुमार को निर्माण कार्य करने से रोका गया और इसकी सूचना लेखपाल द्वारा थाने पर दी गई लेकिन लेखपाल के जाते ही इन लोगों ने फिर से छत को लादना शुरू कर दिया। पुनः छत लादे जाने की सूचना पर स्थानीय पुलिस ने मौके पर जाकर काम को रूकवा दिया। पुनः इसी दिन 27 फरवरी की देर शाम राजस्व टीम कानूनगो के नेतृत्व में मौके पर जाकर नापजोख किया तो पाया कि सुभाष चंद्र और धर्मेंद्र कुमार द्वारा किया जा रहा निर्माण बंजर भूमि पर हो रहा है। नापजोख करने के पश्चात राजस्व टीम के अनुसार उक्त सुभाष चंद्र एवं धर्मेंद्र कुमार को छत लगाने से मना कर दिया गया लेकिन सुभाष चंद्र एवं धर्मेंद्र कुमार ने 27 फरवरी को ही रात के अंधेरे में राजस्व टीम के मना करने के बाद भी छत को लाद लिया। इससे यह स्पष्ट है कि या तो राजस्व महकमा इन लोगों के आगे असहाय रहा या राजस्व टीम ने अनुचित लाभ लेकर इनको चोरी चुपके छत लगाने की अनुमति दे दी। सूचना तो यहां तक है कि राजस्व टीम ने चोरी चुपके छत लादने की एवज में इन लोगों से मोटी रकम खाई है। यह भी उल्लेखनीय है कि उक्त सुभाष चंद्र एवं धर्मेंद्र कुमार ने बंजर भूमि गाटा संख्या 65ख के साथ तालाब भूमि गाटा संख्या 61 को मिलाकर अस्थाई बाउंड्री बनाकर सार्वजनिक हित को बाधित कर दिया है। इस संबंध में जब लेखपाल से वार्ता की गई तो उन्होंने गोल-गोल जवाब दिया। शिकायतकर्ता ने बंजर भूमि एवं तालाब भूमि के अतिक्रमण की शिकायत जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री सहित कई अन्य अधिकारियों को भी भेजकर बंजर भूमि एवं तालाब भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने की मांग की है। अब देखना यह है कि भू-माफिया की चंगुल से बंजर भूमि 65ख व तालाब भूमि गाटा संख्या 61 मुक्त हो पाती है या इसी तरह से सरकारी भूमि पर भू-माफिया व राजस्व महकमे की साठगांठ चलती रहेगी।
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