भू-माफिया का रसूख ऐसा कि उसके लिए अवकाश के दिन भी खुलता है सरकारी दफ्तर

भू-माफिया का रसूख ऐसा कि उसके लिए अवकाश के दिन भी खुलता है सरकारी दफ्तर

केएमबी ब्यूरो
सुल्तानपुर। एक भूमाफिया का रसूख ऐसा कि उसके लिए रविवार सरकारी अवकाश के दिन को भी खुलता है सरकारी दफ्तर। जाली दस्तावेज बनाकर सरकारी जमीन हड़पने के मामले में भूमाफियाओं पर लटक रही कार्यवाही की तलवार। सूबे में योगी आदित्यनाथ की सरकार भले ही हिस्ट्रीशीटर अपराधियों और उनकी काली कमाई से बनाई गई संपत्ति पर लगातार बुलडोजर की कार्यवाही करते हुए नकेल कस रही हो लेकिन सुल्तानपुर जिले के हिस्ट्रीशीटर अपराधियों पर इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है। पूरा मामला कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के ओदरा गांव से जुड़ा है, जहाँ हिस्ट्रीशीटर व भूमाफिया भाइयों की ग्रामीणों की शिकायत के बाद अपराधियों को योगी सरकार में बाबा के बुलडोजर एक्शन का डर सताने लगा है तो अपराधियों ने शिकायतकर्ताओं को खामोश करने का मकड़ जाल बुनना शुरू कर दिया है। बताते चलें कि सदर तहसील अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत ओदरा निवासी भू माफिया दिलशाद अहमद उर्फ रुखसार अपने बड़े भाई हिस्ट्री शीटर अनीश उर्फ़ कोड़ी की काली कमाई से प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है और अरबो रुपए की बेनामी संपत्ति का मालिक बन बैठा है। भूमाफिया दिलशाद व उसके अन्य भाइयों ने मिलकर ग्राम सभा में हो रही चकबंदी के दौरान जाली दस्तावेज बनाकर अयोध्या प्रयागराज बाईपास किनारे स्थित कई वेशकीमती सरकारी जमीनों को चकबंदी कर्मियों की मिली भगत से अपने नाम करवा चुके हैं। इसी तरह से ग्राम पंचायत में ग्राम सभा की पुरानी गाटा संख्या- 183 रकबा पांच विस्वा, 217 रकबा आठ विस्वा, 263 रकबा 10 विस्वा, 266 रकबा 15 विस्वा, 267 रकबा एक बीघा चार विस्वा स्थित ग्राम पंचायत ओदरा के संबंध में चकबंदी न्यायालय प्रथम के यहां 1366 व 1368 फसली खतौनी तथा 1356 व 1368 फसली खसरा फर्जी तरीके से बनवाकर ग्राम सभा की जमीन को अपने नाम करने के चक्कर में जाली दस्तावेजों का सहारा लिया जा रहा है। इस बात की जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो ग्रामीणों ने संबंधित विभाग से जन सूचना के माध्यम से प्राप्त हुए दस्तावेज में विभाग द्वारा साफ कहा गया है कि उनके कार्यालय में इस संबंध में कोई भी अभिलेख कभी दाखिल ही नहीं हुआ है। आरोपियों द्वारा प्रस्तुत किया गया दस्तावेज किसी भी अभिलेखागार में दाखिल ही नहीं हुआ है। सबसे बड़ा आश्चर्य तो तब हुआ जब यह देखा गया कि भू माफियाओं द्वारा बनाए गए सभी दस्तावेज अभिलेखागार कार्यालय से रविवार अवकाश के दिन जारी किए गए हैं। ग्रामीणों द्वारा भू माफियाओं के इन करतूतो की शिकायत जिलाधिकारी से की गई तो भूमाफिया दिलशाद व उसका बड़ा भाई हिस्ट्रीशीटर अनीश उर्फ़ कोढ़ी शिकायतकर्ताओं को तरह-तरह से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उक्त सभी भाइयों द्वारा शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसा न करने पर फर्जी मुकदमे में फंसा कर जीवन बर्बाद करने व जान से मारने की धमकी दी जा रही है। फिलहाल इस संबंध में राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया मामला संज्ञान में है। प्रकरण की जांच कराई जा रही है। जांचोपरांत दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। सर्कल के कानूनगो आईपी सिंह ने बताया उप जिलाअधिकारी के निर्देश पर प्रकरण की जांच मेरे द्वारा की जा रही है। शिकायतकर्ता रुखसार अहमद ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर अपने जानमाल की सुरक्षा व अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की है। शिकायतकर्ताओं ने कहा अपराधियों द्वारा शिकायत वापस लेने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है। उनकी बात न मानने पर फर्जी तरीके से भूमाफिया दिलशाद  सोशल मीडिया पर खबर चलवा कर हम लोगों को बदनाम करने की कोशिश भी कर रहा है। शिकायतकर्ताओ की मांग है कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच करते हुए सरकारी भूमि को अतिक्रमण कर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया जाय व शिकायतकर्ताओं की जान माल की सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की जाय।
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