शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के विकास की महत्वपूर्ण कड़ी- प्रो डीके त्रिपाठी

शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के विकास की महत्वपूर्ण कड़ी- प्रो डीके त्रिपाठी

केएमबी संवाददाता
सुल्तानपुर। राणा प्रताप पीजी कॉलेज के बीएड द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने शैक्षिक भ्रमण के अंतर्गत नैमिषारण्य, पंतनगर, हल्द्वानी, रामनगर, नैनीताल, नानकमत्त्ता, रुद्रपुर के सभी महत्वपूर्ण स्थलों का अध्ययन किया। महाविद्यालय के प्रबंधक बालचंद्र सिंह ने बताया कि शैक्षिक भ्रमण का मूल उद्देश्य छात्रों को वास्तविक परिस्थितियों से जोड़कर उन्हें प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना है। जब विद्यार्थी शैक्षणिक भ्रमण पर जाते हैं तो वे अपनी आँखों से प्रत्यक्ष रूप में देखकर किसी भी विषयवस्तु का वर्णन करने में सक्षम हो जाते हैं। प्राचार्य प्रो डीके त्रिपाठी ने बताया कि सीखने की प्रक्रिया में छात्रों की सक्रिय भागीदारी के कारण अधिगम में बच्चों को प्रभावी ढंग से शामिल करने के लिए यह शैक्षिक भ्रमण प्रभावी उपकरण के रूप में प्रयोग किया जाता है। शैक्षिक भ्रमण का मूल उद्देश्य छात्रों को वास्तविक परिस्थितियों से जोड़कर उन्हें प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना है। शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है। ये भ्रमण विद्यार्थियों को अपने और दूसरों के अनुभव से सीखने का एक अच्छा अवसर देते हैं। यह शैशिक भ्रमण मैडम शांतिलता कुमारी, डॉ संतोष कुमार सिंह अंश, डॉ अभिषेक कुमार सिंह के निर्देशन में संपन्न हुआ। विभागाध्यक्ष डॉ भारती सिंह ने बताया कि शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से विद्यार्थी विविध प्रकार का अनुभव पाकर घटनाओं एवं वस्तुओं को नई दृष्टि से सोचना सीख जाते है। मैडम शांतिलता कुमारी ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण में छात्रों को वास्तविक परिस्थिति में ले जाकर विषय का व्यावहारिक तथा प्रत्यक्ष ज्ञान दिया जाता है। डॉ संतोष कुमार सिंह (अंश) ने बताया कि शैक्षिक यात्राएँ सीखने की प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। वे कक्षा में सीखने को बढ़ाते हैं, सामाजिक और भावनात्मक विकास को बढ़ावा देते हैं और छात्रों को वास्तविक जीवन की स्थितियों से परिचित कराते हैं। शैक्षिक यात्राएँ छात्रों को एक अलग सेटिंग में सीखने और नए कौशल और रुचियाँ विकसित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती हैं इसलिए, शैक्षिक यात्राएँ प्रत्येक छात्र के शैक्षिक अनुभव का एक अभिन्न अंग होनी चाहिए। शैक्षिक भ्रमण में हम परोक्ष नहीं बल्कि प्रत्यक्ष रूप से देखते हैं, जिससे ज्ञान स्थायी होते हैं। यह मनोरंजन के माध्यम से सीखना शिक्षा का सबसे अच्छा माध्यम है।विद्यार्थियों ने माना कि किताबों की दुनिया से बाहर निकलकर प्रत्यक्ष अनुभव करना अलग अनुभव रहा। इस टूर में सत्यम त्रिपाठी, अभिनव तिवारी, आलोक कुमार शर्मा, महेश गौड़, प्रिंसू तिवारी, विशाल मौर्य, सद्दाम, श्वेतम सिंह, अमित तिवारी, अंशुमान शुक्ला, नौशाद, विशाल रघुवंशी, सत्येंद्र शुक्ला, नवनीत, सचिन तिवारी, विजय वर्मा, अंकित यादव, आशुतोष सिंह, राम प्रकाश विशाल सिंह, बृजेश पाण्डेय, राजकुमार वर्मा, आस्था विजय तिवारी, दिव्या सिंह, निष्ठा त्रिपाठी, अंतरा गुप्ता, अंकित सिंह, दिव्यांशी श्रीवास्तव, सलोनी सिंह, प्रज्ञा सिंह, सुष्मिता तिवारी, प्रिया गुप्ता, प्रज्ञा अग्रहरि, अर्चिता यादव,शिवानी अग्रहरि प्रतिमा यादव, साक्षी, प्रियंका प्रजापति, अर्चना यादव, अनुराधा, शिवानी चौरसिया, दीपिका सिंह, शिवानी, वैशाली सिंह, कोमल जायसवाल, मंजू मिश्रा, शैलजा सिंह, आस्था तिवारी, साक्षी सिंह, गरिमा सिंह, नेहा मौर्य, रूबी भास्कर, सलोनी गुप्ता, रेणुका सिंह, अंजली पाण्डेय आदि विद्यार्थी शामिल रहे।
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