अंतिम दिन सुदामा चरित्र के साथ हुआ श्रीमद्भागवत कथा का समापन
दूबेपुर सुल्तानपुर। क्षेत्र के गोपाला बाबा धाम बहरौली प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन की कथा प्रारंभ करते हुए कथा वक्ता काशी नरेशाचार्य महाराज जी ने भागवत कथा के अंतर्गत सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा- भगवान कृष्ण ने अपने पुराने सखा जो दीन हीन हाल में थे। उनके चरण पखार कर चावल का रसास्वादन किया। तीन मुट्ठी चावल के बदले तीन लोकों का राज्य देने का मन बना लिया था। मित्रता में एक दूसरे का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें कोई छोटा बड़ा नहीं होता। सत्ता पाकर व्यक्ति को घमंड नहीं करना चाहिए। उसे श्रीकृष्ण जैसा विनम्रता व उदारता का आचरण अपनाना चाहिए। जो इंसान श्रीकृष्ण के जैसा आचरण अपना लेता है। वह संसार के मोह माया से पूरी तरह त्याग कर देता है। कथा के समापन पर मुख्य यजमान रामकुमार जायसवाल ने व्यास पीठ की आरती उतारी और सभी भक्तों से आग्रह किया कि दिनांक 18 तारीख को महा भंडारे का प्रसाद अवश्य ग्रहण करें। इस मौके पर संयोजक देवराज शास्त्री, राम कीरत मिश्रा, सत्य प्रकाश पांडे, प्रमोद पांडे, दिलीप मिश्रा, दुर्गेश शुक्ला पूर्व प्रधान, सतीश पांडे, सोनू सिंह, दिलीप पांडे, संतोष पांडे, विनय मिश्रा, गौरव जायसवाल, बजरंग जायसवाल, शिव कुमार जायसवाल सहित कई मौजूद रहे।
Tags
विविध समाचार