स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय में फायर मॉक ड्रिल आयोजित
सुल्तानपुर, 30 मई। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सुल्तानपुर के 100 शय्या एमसीएच विंग परिसर में एक महत्वपूर्ण फायर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एसके गोयल और डा. आरके यादव ने किया। कार्यक्रम में समस्त चिकित्सालय स्टाफ की भी सक्रिय भागीदारी रही। मॉक ड्रिल का आयोजन चीफ फायर ऑफिसर और उनकी टीम द्वारा किया गया। इसका उद्देश्य अस्पताल के स्टाफ को आग लगने की स्थिति में तत्परता से कार्य करने और मरीजों को सुरक्षित निकालने के लिए तैयार करना था। फायर मॉक ड्रिल की शुरुआत में चीफ फायर ऑफिसर ने आग से निपटने के विभिन्न तरीकों और उपकरणों का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि आग लगने की स्थिति में सबसे पहले क्या करना चाहिए, कैसे अलार्म बजाना है, और किस तरह से आपातकालीन निकास का उपयोग करना है। इसके बाद एक सजीव मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें अस्पताल स्टाफ ने सक्रिय रूप से भाग लिया और आग से निपटने के विभिन्न तकनीकों का अभ्यास किया।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एसके गोयल ने इस अवसर पर कहा, "इस प्रकार की मॉक ड्रिल्स न केवल हमारे स्टाफ के आत्मविश्वास को बढ़ाती हैं, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में उनके त्वरित और सही प्रतिक्रिया देने की क्षमता को भी सशक्त बनाती हैं। हम हमेशा अपने मरीजों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं और इस तरह की गतिविधियाँ हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती हैं।" डा. आरके यादव ने भी इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए कहा, "फायर सेफ्टी एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है, खासकर चिकित्सा संस्थानों में। आज की मॉक ड्रिल से हमें अपनी तैयारियों को परखने और सुधारने का अवसर मिला है।" अस्पताल के कर्मचारियों और उपस्थित लोगों ने इस मॉक ड्रिल की सराहना की और इसे अत्यंत शिक्षाप्रद बताया। इस प्रकार के अभ्यासों से न केवल आग जैसी आपदाओं के प्रति जागरूकता बढ़ती है, बल्कि वास्तविक स्थिति में अधिक सटीक और प्रभावी प्रतिक्रिया देने में भी मदद मिलती है,इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सुल्तानपुर न केवल चिकित्सा सेवाओं में अग्रणी है, बल्कि सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन में भी अपनी उच्चतम मानकों का पालन कर रहा है।
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