प्रकृति के सभी संसाधनों को हमें संरक्षित करना चाहिए- प्रो0 दिनेश कुमार त्रिपाठी
सुलतानपुर। राणा प्रताप पी जी कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो डी के त्रिपाठी ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस 2024 का थीम है -'भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता' इसका फोकस 'हमारी भूमि' नारे के तहत भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखे पर केंद्रित कर किया गया है। यह एक ऐसा दिन है जिस दिन हम पर्यावरण के बारे में जागरूकता फैलाते हैं और इसे संरक्षित करने की आवश्यकता के बारे में बताते हैं। इसके अलावा, हरित पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण की वकालत करना आवश्यक है। यह काफी सरल है क्योंकि जब हम आज पर्यावरण का संरक्षण करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियाँ एक स्वस्थ जीवन जी सकेंगी। हम इतने स्वार्थी नहीं हो सकते और अपने लिए सभी संसाधनों का उपयोग नहीं कर सकते।
विश्व पर्यावरण दिवस लोगों को उन मुद्दों के बारे में जागरूक करने का सही अवसर है जिनका हम सामना कर रहे हैं और इसे बचाने में कोई कैसे योगदान दे सकता है। हमेशा याद रखें कि प्रकृति ने हमें जो उपहार और आशीर्वाद दिए हैं, वे अमूल्य हैं। सभी के बेहतर भविष्य और जीवन के लिए उन सभी को संरक्षित करना बहुत ज़रूरी है। हमेशा याद रखें कि पर्यावरण संरक्षण के छोटे-छोटे कदम बड़े लक्ष्य तक पहुँचने में मदद करेंगे। जंगलों से लेकर समुद्रों और मिट्टी से लेकर हवा तक प्रकृति के सभी संसाधनों को हमें संरक्षित करना चाहिए। पर्यावरण आर्केस्ट्रा के वाद्य यंत्रो सा एक दूसरे से जुड़ा है , एक सुर मिलाने पर मधुर संगीत के रूप में स्वास्थ्यवर्धक पर्यावरण मिलेगा। एक वाद्य यंत्र में खराबी से पर्यावरण दूषित हो असंतुलित होगा। अपने से जुड़े लोगों के जन्मदिन पर पौधे गिफ्ट करें उसे सुरक्षित रखने का आश्वासन ले। मानव एक दिन में बहुत पेड़ काट सकता हैं पर उसी रूप में उसको एक दिन में पुनः तैयार नही कर सकता। हम सबको पर्यावरण को बचाना और समृद्ध करना चाहिए। संगोष्ठी का संचालन डॉ संतोष अंश ने किया।
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