जनता पूछ रही- आखिर क्यो नहीं बन रही बिछुआ बस स्टैंड से पावर हाउस तक की सडक
पिछले लगभग 12 साल से अटका पड़ा है सडक निर्माण का काम, जनता व स्कूल छात्रा हो रहे परेशान
बिछुआ। आदिवासी विकासखंड के बिछुआ नगर के मुख बस स्टैंड से लेकर पावर हाउस कॉलेज तक बसे दुकानदारों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण ही यह सडक लगभग 12 साल बाद भी अधूरी है और परिणाम आमजनता दुकानदारों को परेशान होकर चुकानी पड़ रही हैं। गौरतलब जहां अब कच्ची सडक पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गये है जो न सिर्फ आवागमन में बाधक बन रहे है बल्कि गड्डों और उबड़-खाबड़ सडक के कारण आए लोग हादसों का शिकार भी होने लगे है। जिससे इस सडक पर प्रतिदिन आने-जाने वालों में दुर्घटना का भय और जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी देखी जा रही है।
बिछुआ सड़क निर्माण को करीब 12 साल हो चुके है। लेकिन बिछुआ बस स्टैंड से पावर हाउस कालेज तक के पास अधूरी सडक निर्माण का हिस्सा नहीं बन पाया है। यह कार्य पिछले 12 साल से अटका पड़ा है। अब जनता भी पूछ रही है कि आखिर बस स्टैंड पावर हाउस कालेज के पास सडक क्यो नहीं बन पा रही है। इसी सडक के निर्माण के लिए कुछ जागरूक लोगों ने ज्ञापन भी दिया था। लेकिन फिर भी सड़क नही बनी है। बिछुआ बस स्टैंड से पावर हाउस कालेज तक महज 1 किलो मीटर दूरी है। और इसी वजह से अधिकतर लोग इसी मार्ग से आना-जाना करते है। यही मार्ग बिछुआ विकासखण्ड के गांव नागपुर हाईवे मार्ग को जोड़ता है और चौरई विधानसभा को जोडता है लेकिन जनप्रतिनिधियों की अनदेखी और अधिकारियों की लापरवाही की वजह से मार्ग का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका। शहर के वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि मार्ग के निर्माण के लिए कई बार बिछुआ की जनता ने आवाज भी बुलंद की। ज्ञापन सौंपे, प्रदर्शन भी किया लेकिन सडक को पूरा कराने में जनप्रतिनिधियों-अधिकारियों ने खासी दिलचस्पी नहीं दिखाई। सड़क से लोग बड़ी मुश्किल से मार्ग को पार कर पा रहे है। यदि इसी तरह सडक का काम अटका रहा तो आने वाले समय में लोगों की और भी दिक्कते बढ़ जायेगी।
बस स्टैंड से लेकर पावर हाउस तक के कच्चा पक्का मार्ग खस्ताहाल हो चुका है। कई बार ज्ञापन और आंदोलन भी किया गया। फिर भी इस मार्ग का काम शुरू नहीं हुआ। अभी भी सडक अधूरी है। गड्ढे हो गये है। बारिश के समय गड्डों में पानी भरा रहता है। जिससे कई लोग दुर्घटना का शिकार हो चुके है।
महिपाल चोपड़े अधिवक्ता बिछुआ का कहना है कि उबड़-खाबड़ सड़क के कारण वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे है। चालकों को जान-माल और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कच्चे मार्ग पर इतने अधिक गड्ढे है कि दोपहिया वाहन चलाते समय समझ में नहीं आता कि वाहन कहां से निकले। इसी चक्कर में कई बार लोग गिरकर भी चोटिल हो चुके है।
संजय गांजरे आम नागरिक का कहना है कि बस स्टैंड से लेकर पावर हाउस तक कि सड़क बेहद ही खराब हो गई है जिससे दुकानदारों को ऊबड़ खाबड़ सड़क से कारण व्यापार में भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है यह नगर परिषद की नाकामी कह सकते हैं नेताओं और जनप्रतिनिधियों के सांख पर भी प्रश्नचिह्न लग रहे हैं।
विनोद सिंह रघुवंशी(पटेल) व्यापारी बिछुआ ने बताया कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा दिलचस्पी नहीं दिखाये जाने के कारण सडक अब तक पूरी नहीं हो सकी है। लगभग 12 साल से यह सडक जस की तस है। बारिश के समय कच्ची सडक पर दोपहिया वाहन चालकों का निकलना भी मुश्किल हो जाता है। छात्रों के कपड़ों पर कीचड़ भी उछड़ जाता है लेकीन मजबूरी वश छात्र-छात्राएं मजबूर होते हैं।
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