मछली पकड़ने गए नव युवक की लाश गोताखोरों के अथक परिश्रम से बरामद, क्षेत्र में फैली सनसनी

मछली पकड़ने गए नव युवक की लाश गोताखोरों के अथक परिश्रम से बरामद, क्षेत्र में फैली सनसनी

केएमबी खुर्शीद अहमद
अमेठी। बाजार शुक्ल अंतर्गत कस्बा सत्थिन में मछली पकड़ने गए नव युवक हसनैन अंसारी पुत्र जफर अंसारी गोमती नदी में पैर फिसलने से लापता हो गए थे। काफी खोज बीन कर स्थानीय गोता खोरों ने तमाम परिश्रम करके सुबह से शाम तक बॉडी की तलाश करते हुए इस अंजाम तक पहुंचे की अब रात हो गई है सुबह फिर तलाश किया जाएगा।बताते चले पिता जफर अंसारी जो टेलर का काम करता है उसके जीवन में कई उतार चढ़ाव देखने को मिले,लग भाग 25, 26साल पहले सगे चाचा अबुबकर की लड़की सूफिया से शादी हुई। शादी के बाद जल्दी जल्दी तीन बच्चे हो गए, जिसमे दो लडके एक लड़की। इसी बीच जफर की बीबी की तबियत खराब हो गई दिमागी हालात बेहद ख़राब हो गए। न अपना होश न बच्चों का होश कोन क्या कर रहा बीबी से कोई वास्ता ही नही रहा। इन तीनो मासूम बच्चों की सारी जिम्मेदारी जफर की बूढ़ी मां पर आन पड़ी। जैसे तैसे बच्चों का पालन पोषण होता रहा। सबसे बड़ा हसनैन कुछ समझदार हो गया था। इसी बीच हसनैन की मां सूफिया का इंतकाल हो गया। अब तो और बड़ा मामला फंसा बच्चो की देखभाल अब क्या होगा कैसे होगी इनकी परवरिश,यहीं से शुरू हुई बड़े बेटे हसनैन और उसके छोटे भाई तबरेज बहन शीरी की कहानी, दादी और बुआ के हाथो हुए पालन पोषण से जिंदगी आगे बढी कुछ वक्त ही गुजरे की बुआ भी तीनों बच्चों को छोड़ स्वर्ग सिधार गई। ऐसे में अपने बहन भाई की देख भाल बड़े भाई हसनैन व पिता जफर व छोटे भाई रिफाकत ने लालन पालन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। भूमिहीन होने के कारण घर चलाना मुश्किल हो रहा था। कई साल इन लोगों ने दिल्ली में गुजारे, अब तक बच्चो की पढ़ाई लिखाई चल ही रही थी कि जफर अंसारी ने अपनी दूसरी पारी की शुआत की अगर कमाई नहीं होगी तो खायेंगे क्या सारा टाइम बच्चो पर लगाए तो कमाने कब जाए, दूसरी शादी का मकसद सिर्फ ये की कोई घर संभालने वाला हो। अब आई पढ़ाई लिखाई का टाइम जफर ने अपने बच्चो की पढ़ाई लिखाई गांव ही से शुरू करवाई इंटर करने के बाद हसनैन अंसारी का दो साल पहले डीफार्मा करने लखनऊ भेजा गया। दो सालों का कोर्स पूरा हो गया था, एक साल और बचा कोर्स पूरा होने में परिजनों ने अपने होनहार छात्र हसनैन अंसारी से न जाने कितनी हसरते पाले हुए थे,की अब दिन बहुरेंगे पर ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था 21 साला हसनैन अंसारी काल के गाल में समा गया,गोमती नदी में डूबे हसनैन की लाश रात के दो पर (स्टेट) देवगांव रानी के अथक प्रयास से गोताखोरों की कड़ी मेहनत से रंगवाघाट पर मिली।
परिजनों ने पोस्टमार्टम न कराने का फैसला लिया,जिसपर थाना बाजार शुक्ल प्रभारी तनुज पाल व प्रधान इफ्तेखार अहमद (गुड्डू) व स्टेट देवगांव रानी साहबा जनपद(अयोध्या) के सामने पंचनामा की करवाई कर लाश को तदफीन के लिए कब्रस्तान में सुपर्दe खाक किया गया, जिसमे हजारों की तादात में लोगों ने शिरकत की और मरहूम के मैगफिरत की दुआ की गई।
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