10 वर्ष पूर्व हुई युवती की हत्या के मामले में पांच भाइयों सहित सात को उम्र कैद की सजा
केएमबी संवाददाता
सुलतानपुर/अमेठी। छेड़छाड़ का विरोध करने के चलते करीब 10 वर्ष पूर्व हुई युवती की हत्या के मामले में पांच भाइयों सहित सात को उम्र-कैद। जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पाण्डेय की अदालत ने प्रत्येक दोषियों को ठोंका 1.35 लाख रुपये का अर्थदंड। कोर्ट ने सभी दोषियों पर कुल 9.45 लाख रुपये का लगाया अर्थदंड। कोर्ट ने अर्थदंड की धनराशि का 70 प्रतिशत पीड़ित पक्ष को व 30 प्रतिशत की धनराशि सरकारी खाते में जमा कराने का दिया आदेश। चार दिन पूर्व कोर्ट ने सभी आरोपियों को ठहराया था दोषी,आज सजा के बिंदु पर आया कोर्ट का फैसला। हत्या सहित अन्य आरोपों में दोषी ठहराए तीन सगे भाई जिनमे हकीमुद्दीन उर्फ बच्चा, निजामुद्दीन, कमालुद्दीन व सह-दोषी जावेद पुत्र निजामुद्दीन तथा मासूक पुत्र हबीब भेजे गये जेल। अब सलाखों के पीछे कटेगी दोषियों की जिंदगी। कोर्ट ने फैसले के समय गैर हाजिर रहे दोषी करार सगे भाई इमामुद्दीन उर्फ पप्पू व रियाजुद्दीन उर्फ पप्पू के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी कर उन्हें सजा भुगतने के लिए कोर्ट में पेश कराने को लेकर एसपी अमेठी को दिया निर्देश। दौरान ट्रायल आठवें आरोपी सद्दाम उर्फ अफसार की हो चुकी है मौत। अमेठी कोतवाली क्षेत्र स्थित बेनीपुर के रहने वाले कमाल शाह ने 25 जुलाई वर्ष-2014 की घटना बताते हुए गांव के ही रहने वाले आठों आरोपियो के खिलाफ दर्ज कराया था मुकदमा। आरोपियो ने लोहे की राड व अन्य हथियारों से हमला कर वादी की पुत्री राबिया को उतारा था मौत के घाट, वहीं अन्य परिवारीजनों को भी पहुँचाई थी गम्भीर चोंटे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चला मामले का ट्रायल। जिला शासकीय अधिवक्ता राम अचल मिश्र ने अभियोजन पक्ष से आठ गवाहों को कराया था परीक्षित। वहीं बचाव ने भी अपने साक्ष्यो एवं तर्को को प्रस्तुत कर आरोपियो को बेकसूर साबित करने का किया था भरसक प्रयास। फिलहाल बचाव पक्ष नहीं हुआ सफल, अभियोजन पक्ष की कड़ी पैरवी से केस हुआ साबित। अपराध को अंजाम देने वालो को मिली करनी की सजा। बिना सोचे-समझे जोश-जोश में हुए एक अपराध से लगभग पूरे परिवार की बर्बाद हो गई जिंदगी।
दोनों पक्षो के बीच चली आ रही मुकदमेबाजी की रंजिश में करीब 10 दिन पहले राबिया की हत्या के मुकदमे में बहस के दूसरे दिन ही हकीमुद्दीन उर्फ बच्चा ने अपने परिवारीजनों के साथ मिलकर हत्या के मुकदमे के वादी कमाल शाह व गवाह बने उनके बेटे मकसूद राना तथा महमूद राना पर बोला था हमला। हमले में आई चोटों के चलते मकसूद राना की चली गई जान, जबकि मिली जानकारी के मुताबिक घायल बाप-बेटे का चल रहा इलाज।