मनरेगा लोकपाल ने बारिश में मजदूरों की लगी ऑनलाइन हाजिरी पर मांगा स्पष्टीकरण
सुल्तानपुर। मनरेगा लोकपाल ने सोशल मीडिया एवं विभिन्न समाचार पत्रों पर प्रकाशित खबरों को संज्ञान में लेते हुए संबंधित से मूसलाधार बारिश के दौरान भी मजदूरों की लगाई गई ऑनलाइन हाजिरी के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। विदित रहे कि पिछले दिनों मूसलाधार बारिश के दौरान मनरेगा के मजदूर कार्य करते ऑनलाइन देखे गई। जल भराव की स्थिति में क्या मनरेगा कार्य कराने के लिए कोई विदेशी तकनीक का सहारा लिया जा रहा हैं मानो पानी छू मतर हो गया। जनपद के 14 ब्लाकों में से 14 ब्लाकों में मानों जलभराव की समस्या ही नहीं न रही। मूसलाधार बारिश के दौरान जनपद के कूरेभार ब्लॉक में 790 मजदूर, घनपतगंज में 1390, कुड़वार में 415, लम्भुआ में 630मजदूर,अखण्डनगर में 251 मजदूर और कादीपुर में 243 मजदूर,जयसिंहपुर में 483 मजदूर, कुड़वार में 415 मजदूर, दूबेपुर में 164 मजदूर, करौंदीकला में 120 मजदूर, मोतिगरपुर में 87 मजदूर, पी कमैचा में 8 मजदूर, बल्दीराय में 20 मजदूर,भदैंया में 124 मजदूरों की आनलाईन हाजिरी लगाई गयी है। मतलब पूरे जनपद में 4975 मजदूरों ने जलभराव में घुसकर काम किया हैं। सवाल इस बात का हैं क्या यह आनलाईन हाजिरी किसी जिम्मेदार अधिकारी के कहने पर लग रहीं हैं या अधिकारी भी इस बात से अनिभिज्ञ हैं की कही भी जलभराव नहीं हुआ न कहीं बरसात हुई हैं। सिर्फ मनरेगा के मजदूरों को बदनाम किया जा रहा हैं। क्या पिछले चार दिनों से लग रही आनलाईन उपस्थिति की खबर और लग रहीं आनलाईन उपस्थिति की जांच की जायेगी या भुगतान मिलबाट कर ले लिया जायेगा यह बड़ा सवाल हैं। आखिर जिम्मेदार अधिकारी ऐसे भर्ष्टाचार पर पर्दा क्यूं डाल रहें हैं यह नहीं समझ में आ रहा हैं शायद मानते हो ऐसे ही खबर लिखी जा रही हैं क्या मनरेगा की वेवसाईट झूठ बोल रही हैं क्या यह बड़ा सवाल हैं। सबका साथ सबका विकास का दावा करने वाली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में पलीता लगाने का काम या तो ब्लॉक पर बैठे कर्मचारी लगा रहें हैं या मनरेगा डीसी,जिनको यह आनलाईन उपस्थिति इस भयानक धूप में भी नहीं दिख रहीं जैसे मनरेगा मजदूरों की आनलाईन हाजिरी लगायी जा रहीं हैं।
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