दुखद! मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक संत कुमार सेनडे ने ली अंतिम सांस

दुखद! मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक संत कुमार सेनडे ने ली अंतिम सांस

केएमबी नीरज डेहरिया
सिवनी। मध्यप्रदेश मे अतिथि शिक्षकों की व्यथा तो अब बहुत पुरानी हो चुकी है। न जाने कितने अतिथि शिक्षकों ने अभी तक अपनी इहलीला को समाप्त कर चुके और न जाने कितनों के परिवार उजड़ चुके हैं परंतु मध्य प्रदेश कि मोहन यादव की सरकार आज भी उनके प्रति गंभीर समझ में नहीं आती क्योंकि प्रत्येक परिवार अपने बच्चों को इस प्रकार से पालन पोषण और पढ़ा लिखा कर बड़ा करती है कि वह हमारे अंतिम समय का सहारा बने परंतु अब अतिथि शिक्षक 15-16 वर्षों से लगातार शासकीय स्कूलों में अपनी सेवा देने के बाद भी उनके जीवन पर किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं आया। इसी प्रकार संत कुमार सेंडे भी ग्राम सालीवाडा का रहने वाले विकासखंड सिवनी जो की शासकीय माध्यमिक शाला सागर में वर्ग 2 गणित विषय से पदस्थ था जो सरकार को अपनी मांग रखने के लिए 10 सितंबर को भोपाल में आंदोलन में शामिल हुआ और जब घर आया तो सुबह लगभग 9:00 बजे उसे लकवा की शिकायत हो गई और आर्थिक तंगी के कारण वह अपना इलाज सही मेडिकल अस्पताल में नहीं करवा पाया इस कारण से मृत्यु हो गई परंतु अब घर पर लालन पालन पोषण करने वाला कोई भी व्यक्ति नहीं है क्योंकि यही एकमात्र पूरे परिवार का सहारा था। न ही इसके पास जमीन है और न ही इसके परिवार में कोई इतना सामर्थ है कि वह कोई और काम कर सके जिससे परिवार में बड़ा ही संकट खड़ा हो गया। मध्य प्रदेश के समस्त अतिथि शिक्षकों ने बहुत ही दुख प्रकट किया और ईश्वर से प्रार्थना की की इस परिवार को इस बार इस क्षति को सहने की क्षमता प्रदान करें। मध्य प्रदेश शासन से भी आशा और उम्मीद लगाए बैठा है कि ऐसे परिवार को सहायता प्रदान की जाए जिससे कि परिवार में कुछ आर्थिक सहयोग हो सके।इसी तारतम्य में मध्य प्रदेश के समस्त अतिथि शिक्षक सरकार से अपनी भविष्य को लेकर बहुत चिंतित हैं कि अगर हम नहीं रहे तो हमारा परिवार का क्या होगा। इसी आशा उम्मीद के साथ मध्य प्रदेश शासन से गुहार लगा रहे हैं कि हमारा भी भविष्य सुरक्षित किया जाए जिससे कि हमारा आने वाला परिवार भी सुखमय हो। मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप के द्वारा अतिथि शिक्षकों को जब से मेहमान करके बोला गया तब से अतिथि शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है। अतिथि शिक्षकों की मांग है कि विभागीय परीक्षा के माध्यम से उन्हें नियमित किया जाए जिस प्रकार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा महापंचायत में भाषण में बोला गया था जब से शिवराज सरकार है तभी अतिथि शिक्षकों को बहुत बहला फुसला कर झूटे वादों के सपनों दिखाकर रखा जा रहा है। ऐसे में बहुत से अतिथि शिक्षक के घरों मे संकट छाया हुआ है।
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