केजीएमयू में मरीजों की दलाली: मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट कराने को लेकर 5 डॉक्टर बर्खास्त
केएमबी ब्यूरो उर्मिला सिंह
लखनऊ। केजीएमयू में ट्रांमा सेंटर के पांच डॉक्टर मरीजों की दलाली करने के मामले में बर्खास्त किए गए हैं। इन डॉक्टरों की ट्रामा सेंटर से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करने के खेल में संलिप्तता पाई गई थी। मरीज को अच्छे इलाज का झांसा देकर यह डॉक्टर निजी अस्पताल में भेज रहे थे। केजीएमयू में मरीजों की संख्या ज्यादा होने पर अच्छे इलाज का झांसा देकर प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट कराने का मामला सामने आया था। इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने ट्रामा सेंटर में तैनात 5 जूनियर रेजिडेंट की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। जानकारी के मुताबिक केजीएमयू ट्रामा सेंटर में 450 बेड हैं, ज्यादातर यह फुल रहते हैं। आलम यह रहता है कि कई मरीजों का इलाज स्ट्रेचर पर ही करना पड़ जाता है। मरीजों के दबाव के चलते शाम या रात को आने वाले मरीजों को बेड मिलने में दिक्कतें होती हैं। इसी का फायदा उठाकर कई रेजिडेंटट मरीजों को बाहर निजी अस्पताल भेज रहे थे।लखीमपुर खीरी जिले के महराजनगर की रहने वाली आशा कार्यकर्त्री पूनम मौर्य की खदरा के केडी हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। मृतका के पति ने गलत इलाज का आरोप लगाया था। मामले ने तूल पकड़ा तो पता चला कि केजीएमयू के ईएनटी विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर ने उसका इलाज किया था, जिससे उसकी मौत हो गई। डॉक्टर की संलिप्तता मिलने पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी नाराजगी जताई थी। इसके बादे केजीएमयू प्रशासन ने आरोपी डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया।
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