सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल हक के प्रयास से सऊदी अरब में मृत सफीक का शव पहुंचा गांव, परिजनों में मचा कोहराम
सुल्तानपुर। सामाजिक कार्यकर्ता जिला सुरक्षा संगठन तहसील कादीपुर ईकाई के सचिव अब्दुल हक का प्रयास एक बार फिर रंग लाया। उनके काफी प्रयास के बाद सऊदी अरब कमाने गए युवक का शव 1 नवंबर 2024 को लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंच गया। कादीपुर नगर पंचायत के तुलसी नगर मोहल्ला निवासी अब्दुल हक की इस सराहनीय कार्य की लोग प्रशंसा कर रहे हैं। मामला थाना दोस्तपुर के अंतर्गत देवरपुर पोस्ट पलिया गोलपुर गांव का है। 3 वर्ष पहले इसी गांव के निवासी मोहम्मद सफीक उम्र 26 पुत्र मोहम्मद मुंशी सऊदी अरब के रियाद शहर में कमाने गया था। आर्थिक रूप से कमजोर परिजनों ने अपने पुत्र सफीक को पिता मोहम्मद मुंशी परिवार की आर्थिक हालात मजबूत करने की कल्पना करते हुए विदेश कमाने के लिए भेजा सफीक भविष्य की सुंदर सपने बुनते हुए रियाद में स्थित एक हाउस ड्राइवरी के काम करने लगा। सफीक के विदेश कमाई से घर की हालत पटरी पर आ रही थी नियति पूरे परिवार पर कुटराघात करते हुये। कल्प समय में विदेश में काम कर रहे सफीक को अपने आगोश में लेते हुए मौत की नींद सुला दिया। 15 अक्टूबर 2024 सफीक से सभी का परिजनों से अचानक संपर्क टूट गया परेशान परिजन वहां रह रहे अपने बड़े बेटे सहयोग से पता पता किया तो सफीक को करंट से मौत का दु: खद समाचार प्राप्त होने से पूरी तरह टूट गये। नियम कानून से अनजान पिता मोहम्मद मुंशी पुत्र का मुंह देखने के लिए तड़प रहा था। शव भारत लाने की प्रक्रिया से अनजान मोहम्मद मुंशी को सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल हक के विषय में जानकारी हुई तो अब्दुल हक से मिलकर अपनी दुख भरी दास्तां बयां की अब्दुल हक ने मोहम्मद मुंशी को भरोसा दिलाते हुए मृतक सफीक के शव को भारत वापस लाने की बात कही उन्होंने विदेश मंत्री को पत्र लिखकर सऊदी अरब की स्थिति भारतीय दूतावास संपर्क कर सारी घटना से अवगत कराते हुए शव को भारत वापस भेजने की मांग किया। अब्दुल हक के लगातार संपर्क और प्रयास का परिणाम रंग लाया। संदिग्ध परिस्थितियों में हुई सफीक की मौत पर जांच प्रक्रिया पूर्ण होकर सऊदी अरब सरकार शव भारत भेजने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दिया पर रियाद स्थित भारतीय दूतावास ने 1 नवंबर 2024 को सफीक शव भारत भेज दिया। अब्दुल हक के इस नेक कदम को लेकर क्षेत्र के लोगो ने खुशी जताई है।
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