अमेरिकी कोर्ट ने गौतम अदाणी के खिलाफ धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप में जारी किया अरेस्ट वारंट
अमेरिका में जानेमाने कारोबारी गौतम अदाणी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत (फेडरल कोर्ट) ने अदाणी समेत 7 लोगों पर धोखाधड़ी और रिश्वत का आरोप लगाया गया है। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस के मुताबिक, अदाणी ने भारत में सौर ऊर्जा से जुड़ी एक परियोजना हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर (21 अबर रुपये से ज्यादा) की रिश्वत का वादा किया था। हालांकि, अब तक इस पर कंपनी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। आरोप है कि इन पैसों को जुटाने के लिए अमेरिका समेत अन्य देशों के निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला गया। जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी और कारोबारी के करीबी सागर और विनीत जैन का नाम शामिल है। मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि गौतम और सागर अदाणी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है।
गौतम अदाणी, सागर आर. अदाणी, विनीत एस. जैन, रंजित गुप्ता, रूपेश अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा, सौरभ अग्रवाल और सिरील कैबनीज।
दावा किया जा रहा है कि 2020 से 2024 के बीच आरोपियों ने एक सौर ऊर्जा अनुबंध पाने के लिए गलत रास्ता अपनाया। उन्होंने भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने की साजिश रची। इस अनुबंध के जरिए 20 साल में दो बिलियन डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान लगाया गया था। इसके लिए झूठे दावों और योजनाओं को आधार बनाकर कर्ज और बॉन्ड्स जुटाए गए। इसका कुछ हिस्सा अमेरिकी फर्म्स से भी जुटाया गया। न्यूयॉर्क में दर्ज मामले को लेकर कोर्ट में कहा गया कि पैसे रिश्वत विरोधी नीतियों के खिलाफ जाकर और भ्रामक बयानों के जरिए जुटाए गए। आरोपियों ने एफबीआई और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) की जांच में बाधा डालने की भी साजिश रची।
अमेरिकी अटॉर्नी का बयान
अमेरिकी अटॉर्नी ब्रियोन पीस ने आरोपों में कहा कि अभियुक्तों पर अरबों डॉलर के अनुबंध हासिल करने के लिए भारत के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की गोपनीय योजना बनाई थी। उन्होंने इसे लेकर सभी को अंधेरे में रखा और अमेरिकी समेत वैश्विक निवेशकों से फंड जुटाने की कोशिश करते रहे। पीस ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय बाजार से भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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