विद्युत कर्मचारी विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में लखनऊ में 22 दिसंबर को करेंगे पंचायत
लखनऊ। बिजली कर्मचारी विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में विरोध प्रदर्शन कर रहे। इसी को लेकर राजधानी लखनऊ सहित विभाग के सभी कार्यालयों पर प्रदर्शन किया जा रहा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की बैनर तले लखनऊ में रविवार 22 दिसंबर को लखनऊ में होने वाली विशाल बिजली पंचायत की तैयारी की गई। इस दौरान रेजिडेंसी, तालकटोरा, इंद्रलोक सहित कई कार्योलयों पर जन जागरण भी किया गया। कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में शुक्रवार को बिजली घरों पर जन जागरण किया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि विभाग के कर्मचारियों की तरफ से लगातार विरोध प्रदर्शन किया जाता रहेगा। बिजली के निजीकरण के निर्णय के विरोध में 22 दिसम्बर को लखनऊ में विशाल बिजली पंचायत का आयोजन किया जाएगा। ऊर्जा निगमों के किसी श्रम संघ ने निजीकरण का समर्थन नहीं किया है। ऊर्जा मंत्री गलत बयान बाजी कर रहे हैं।
लखनऊ में होने वाली बिजली पंचायत में देश के सभी बिजली कर्मचारी महासंघों और ऑल इण्डिया पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन एवं ऑल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंत्री शामिल होंगे। इस बिजली पंचायत में प्रदेश से बड़ी संख्या में बिजली कर्मी संविदा कर्मी और अभियन्ता सम्मिलित होंगे। पंचायत में उपभोक्ता संगठनों और किसानों का भी प्रतिनिधित्व होगा। बिजली पंचायत में निजीकरण के विरोध में संघर्ष के अगले कदमों की घोषणा की जायेगी। इस मौके पर संघर्ष समिति के पदाधिकारी राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय,सुहैल आबिद, पी.के.दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो0 इलियास, श्रीचन्द, सरयू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय और विशम्भर सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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