यूपी में होमगार्ड्स के 44000 पदों पर होगी भर्ती, मार्च तक वैकेंसी निकलने की संभावना
लखनऊ। होमगार्ड विभाग में करीब 44 हजार पद खाली हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए विभाग अब संजीदा हो गया है। इसके लिए होमगार्ड विभाग अपना भर्ती बोर्ड बनाने जा रहा है, जो सेंट्रलाइज होगा। भर्ती बोर्ड का मुख्यालय लखनऊ में होगा और भर्ती के लिए नए सिरे से नियमावली बनेगी।विभाग ने इसके मसौदे पर काम भी शुरू कर दिया है। फरवरी में पेश होने वाले बजट सत्र से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के तर्ज पर होमगार्ड भर्ती बोर्ड बनाया जाएगा। साथ ही भर्ती के लिए भी नए सिरे से नियमावली बनाई जाएगी। होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि विभाग में लंबे समय से कोई भर्ती नहीं हुई है। सरकार की मंशा है, इस विभाग में भी पारदर्शी तरीके से भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दिया जाए। इसके लिए नए सिरे से नियमावली बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि होमगार्ड विभाग में रेगुलर भर्ती के लिए उसका अपना भर्ती बोर्ड बनाया जाए, इस पर भी विचार किया जा रहा है। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है। वहां से हरी झंडी मिलते ही प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। जानकारों का कहना है, भर्ती प्रक्रिया अगले साल मार्च महीने में शुरू की जाएगी। वैकेंसी ज्यादा हैं, इसलिए इसे दो चरणों में पूरा करने की योजना है। एक चरण की प्रक्रिया पूरी होने में 6 से 8 महीने का समय लगेगा। होमगार्ड के मूल्यांकन के लिए पहले के नियमों में संशोधन किया जा रहा है। दौड़ की समय-सीमा का निर्धारण भी फिर से कराए जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में एक आदेश पारित कर कहा था कि होमगार्ड को पुलिस विभाग में सिपाही के न्यूनतम वेतन के हिसाब से दैनिक भत्ता दिया जाए। इसके बाद होमगार्ड काे 918 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दैनिक मजदूरी भत्ता दिया जाने लगा। यानी एक होमगार्ड अगर पूरे महीने ड्यूटी करता है तो उसे 27 हजार 540 रुपए मिलता है। पहले 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दैनिक मजदूरी भत्ता दिया जाता था। यूपी में होमगार्ड बनने के लिए अभी तक की जो नियमावली है, उसमें हाईस्कूल पास की योग्यता मांगी जाती है। अगर कोई उससे ज्यादा शिक्षित अभ्यर्थी होमगार्ड के लिए आवेदन करता है तो उसे दो से पांच तक अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं।
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