मोल-भाव न करियो..जो पैसा बताया निकाल, घूस मांगने का वीडियो वायरल; महिला ड्रग इंस्पेक्टर निलंबित
शामली। शासन ने जिले में करीब तीन साल से तैनात जिला औषधि निरीक्षक निधि पांडे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्हें लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। उन पर दवा व्यापारियों को निरीक्षण के दौरान धमकाने और अवैध वसूली करने के गंभीर आरोप हैं। तीन दिन पहले जिला औषधि निरीक्षक का मेडिकल स्टोर पर निरीक्षण के दौरान रिश्वत मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। शासन ने आरोपों की जांच सहायक आयुक्त औषधि मुरादाबाद को सौंपी है। शामली जिले में इस पद पर उनकी पहली नियुक्ति थी। हालांकि जिला औषधि निरीक्षक का कहना था कि उन्हें बदनाम करने के लिए वीडियो को एडिट कर वायरल किया गया। वीडियो वायरल होने पर यह मामला लखनऊ तक पहुंच गया था। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के प्रमुख सचिव ने जिला औषधि निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। अब उन्हें कार्यालय आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ से संबद्ध किया गया है। जिला औषधि निरीक्षक पर दवा व्यापारियों को निरीक्षण के दौरान धमकाने, पैसे का लेनदेन और पैसा न देने की एवज में व्यापार बंद करने की धमकी देने आदि गंभीर आरोपों के चलते कार्रवाई की गई है। डीएम अरविंद कुमार चौहान ने इस संबंध में शासन को रिपोर्ट भेजी थी।एडीएम संतोष कुमार सिंह ने निधि पांडे के निलंबन होने की पुुष्टि करते हुए बताया कि उनके स्थान पर अभी शासन से किसी की नियुक्ति नहीं हुई है।
ड्रग इंस्पेक्टर के निलंबन की सूचना मिलते ही शामली के दवा व्यापारियों में खुशी की लहर दाैड़ गई। ढोल बजाकर शहर में घूम घूमकर लोगों को ड्रग इंस्पेक्टर के निलंबन की जानकारी दी। बताया गया कि दवा व्यापारी देवराज मलिक पहले भी रिश्वत मांगने की शिकायत कर चुके थे। तीन दिन पहले मेडिकल स्टोर पर छापेमारी के दाैरान ड्रग इंस्पेक्टर ने रिपोर्ट ओके लिखने के नाम पर रिश्वत मांगी थी। इसकी वीडियो वायरल होने के बाद उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।
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