DDU के प्रो. रविशंकर मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय के पहले कुलपति की निभाएंगे जिम्मेदारी

DDU के प्रो. रविशंकर मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय के पहले कुलपति की निभाएंगे जिम्मेदारी
 
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU) के एक और प्रोफेसर को कुलपति बनाया गया है। भौतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. रविशंकर सिंह को शासन ने मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय बलरामपुर का अंतरिम (प्रथम) कुलपति नियुक्त किया है। प्रो. रविशंकर गोरखपुर विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर काम कर चुके हैं। उनकी नियुक्ति से विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने खुशी जताई है।प्रो. सिंह को कुलपति बनाए जाने का आदेश शनिवार को शासन ने राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद जारी कर दिया है। एक दिन पहले ही इसी विश्वविद्यालय की प्रोफेसर शोभा गौड़ को मीरजापुर में विश्वविद्यालय का पहला कुलपति नियुक्त किया गया है। दो दिनों के भीतर दो शिक्षकों को बड़ी जिम्मेदारी मिलने पर विश्वविद्यालय के शिक्षक गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रो. रविशंकर सिंह मूल रूप से आजमगढ़ जिले के रहने वाले हैं। डीहा क्षेत्र का नरसिंहपुर उनका गांव है। बीएससी, एमएससी एवं डी फिल की डिग्री उन्होंने इलाबाद विश्वविद्यालय से ली है। पढ़ाई में वह शुरू से होनहार रहे। हाईस्कूल से लेकर सभी कक्षाओं में उन्हें पहला स्थान हासिल हुआ था। प्रोफेसर रवि शंकर ने 1999 में शिक्षण कार्य की शुरुआत की थी। प्रो. रविशंकर सिंह के पास शिक्षण कार्य का लंबा अनुभव है। उन्होंने वर्ष 1999 में राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में सहायक आचार्य के रूप में शिक्षण का कार्य शुरू किया था। अक्टूबर 2005 में वह गोरखपुर विश्वविद्यालय में आए। तभी से अपनी सेवा दे रहे हैं। 2011 में उनकी पदोन्नति प्रोफेसर पद पर हुई।
DDU के अधिष्ठाता छात्र कल्याण (DSW) रहे हैं प्रो. सिंह
प्रो. रविशंकर सिंह ने विश्वविद्यालय की कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। वह लंबे समय तक अधिष्ठाता छात्र कल्याण (DSW) के पद पर कार्यरत रहे। गोरखनाथ शोध पीठ के ओएसडी के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं। इसके अतिरिक्त छात्रावास के वार्डेन की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।
प्रोफेसर सिंह के निर्देशन में पांच विद्यार्थी कर चुके हैं शोध
प्रो. सिंह के कई शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हैं। उनके निर्देशन में पांच विद्यार्थी अपना शोध कार्य पूरा कर चुके हैं। छह विद्यार्थियों का शोध कार्य अभी चल रहा है। प्रो. रविशंकर ने बताया कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है, उसका पूरी ईमानदारी से निर्वहन करेंगे। सभी के साथ मिलकर काम किया जाएगा।
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