हाईकोर्ट ने DGP एवं SSP सहारनपुर को 27 जनवरी को कंटेंप्ट के मामले में किया तलब
उच्च न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक और एसएसपी सहारनपुर को दिनांक 27.01.25 को किया तलब देहरादून निवासी ध्रुव सेठी एवं उनकी पत्नी अलका सेठी ने सहारनपुर में एक ज़मीन खरीदी थी परंतु वहाँ के लोकल भी माफिया एवं रेवेन्यू व पुलिस के अधिकारियों की मदद से उनकी ज़मीन kabja करनी शुरू कर दी।
जब उन्होंने इस बात के लिए पुलिस के पास दो एफ आई आर की एवं मुख्य मंत्री पोर्टल पर भी २ शिकायत की उस पार कोई कार्यवाही नई हुई इसके उलट माफ़िया ने पुलिस से साथ गाँठ कर उल्टा उनके ही ख़िलाफ़ एससी एसटी एक्ट और आईपीसी की गंभीर धारा में FIR दर्ज करा दी
उक्त fir में पुलिस ने इनके ख़िलाफ़ चार्जशीट लगा दी
उस चार्जशीट को दंपत्ति नें उच्च न्यायालय में चुनौती दी जिसमें उच्च न्यायालय ने ना सिर्फ़ उक्त चार्जशीट को क्वॉश कर दिया बल्कि सहारनपुर में चल रहे भूमाफिया के अधिकारियों से साथ गाँठ पर भी कड़ी टिप्पणी करते हुए डी जी पी उत्तर प्रदेश को दंपत्ति द्वारा दर्ज दोनों एफ आई आर एवं आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज शिकायत को 4 महीने में एस एस पी सहारनपुर से जांच कर रिपोर्ट पूरी करने का आदेश दिया
परंतु ६ माह बीत जाने पर भी आज तक कोई कार्यवाही नई हुई उल्टा भू माफिया और सरकारी लेखपाल ने मिल कर दंपति का घर बुलडोजर से गिरा दिया जिसकी शिकायत दंपति ने एसओ बिहारीगढ़ से किया कोई कार्यवाही ना होने पर डी जी पी को भी नई शिकायत की परंतु कोई राहत नई मिली
विपक्षी लेखपाल ने उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनती दी उस पर भी माननीय उच्चतम न्यायालय ने डी जी पी को को उच्च न्यायालय के दिए आदेश को पालन करने को कहा परंतु उसके बाद भी दंपति का घर गिरा दिया
दम्पति अलका सेठी का इस घटना के कारण गर्भ में ही बच्चे की मौत भी ही गई। न्यायमूर्ति सलिल राए ने वर्तमान कंटेम्प्ट याचिका सुनते हुई दोनों अधिकारियों के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुई दोनों को व्यक्तिगत हलफनामे के साथ तारीक पर उपस्थित रहने का आदेश दिया है कि क्यों ना उनपर उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के आदेश ना मानने के लिए सजा दी जाए। उक्त मामले में याचिका की तरफ़ से डॉ अवनीश त्रिपाठी एवं डॉ आस्था मिश्रा ने पक्ष रखा।
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