नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी ने छात्रों को लूटने का निकला नया रास्ता, कंप्यूटर एजुकेशन के नाम पर छलावा
छिंदवाड़ा। जिला मुख्यालय में नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी ने एक नया रास्ता अख्तियार किया है जिसमें कंप्यूटर एजुकेशन के नाम पर एडमिशन लिया जाता है लेकिन पढ़ाई में नेटवर्क मार्केटिंग के प्लान को समझाया जाता है वह भी सप्ताह में एक दिन सीधे-साधे ग्रामीण अंचलों के बच्चे इन कंपनियों के जाल में आसानी से फंस जाते हैं। उन्हें पता भी नहीं होता कि अच्छा क्या है और बुरा क्या है? कंपनी को संचालित करने वाले कर्मचारी बड़ी-बड़ी बातें करके छात्रों को लोभ लालच दिखाते हैं और वह उनकी बातों में आ जाते हैं। कंप्यूटर एजुकेशन के नाम पर 40 से 45 छात्रों को एडमिशन ₹16000 में प्रति छात्र के हिसाब से लिया गया है।
छिंदवाड़ा में कंपनी के कोई शीर्ष अधिकारी नही
छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय होने के बात भी कंपनियों के कोई जिम्मेदार अधिकारी छिंदवाड़ा में नहीं है। सिर्फ कर्मचारी ही डील करते हैं, एडमिशन राशी 16000 रुपए लिया जाता है। कंपनी का एक दस्तावेज बोलता है कि कंपनी दीनदयाल कौशल योजना के माध्यम से संचालित होती है तो फिर गरीब छात्रों को क्यों लुटा जा रहा है? कंपनी के पास न तो ढंग के ऑफिस है न कोई सेंटर। छिंदवाड़ा में दो जगह केंद्र संचालित किए जाते हैं जहां पर किसी भी प्रकार का कोई न बोर्ड है न कंपनी का नाम केवल बिल्डिंग उसके अंदर काउंसलिंग की जाती है न क्लास लगाई जाती है। केवल और केवल छात्रों के साथ छलावा कंपनी के कर्मचारियों से पूछा गया कि आपके पास क्या कोई ऑथेंटिक दस्तावेज है तो उनके द्वारा तीन-तीन कंपनी के कागज दिखाए गए। क्या कोई कंपनी बगैर जिला प्रशासन की अनुमति के जिला में संचालित हो सकती है यह जांच का विषय है। यदि कंपनी सही है तो उनके द्वारा किसी भी प्रकार का कोई साइन बोर्ड क्यों नहीं लगाया गया? कंपनी के कर्मचारी तो खुद विद्यार्थी जैसे दिखाई देते हैं तो वह दूसरों को क्या पढ़ाएंगे पता चला है कि शहर में अलग-अलग ग्रुप संचालित हो रहे हैं। गरीब बच्चों को लोभ लालच देकर कंपनी के द्वारा ठगा जा रहा है जिला प्रशासन इसकी उचित जांच कर फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाये।
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