बच्चा चोरी गिरोह पर पुलिस का शिकंजा: पॉलीक्लीनिक संचालक समेत चार को पुलिस ने किया गिरफ्तार
लखनऊ। दो दिन के नवजात को चोरी कर बेचने की साजिश का गुडंबा पुलिस ने राजफाश किया है। सोमवार को तीन महिलाओं को नवजात के साथ पकड़ा गया था। छानबीन में पता चला कि दो पॉली क्लीनिक संचालक बच्चा चोरी का गिरोह चला रहे थे। पुलिस ने दो महिलाओं समेत चार को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। आरोपियों के पास से 1.99 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं। एडीसीपी उत्तरी जितेंद्र कुमार दुबे के मुताबिक माल निवासी आरती परिवार के साथ चिनहट के मल्हौर इलाके में रहती हैं। उन्होंने माल स्थित लक्ष्मी पॉलीक्लीनिक में 29 दिसंबर को नाॅर्मल डिलीवरी से बेटे को जन्म दिया था। आरोप है कि लक्ष्मी पॉलीक्लीनिक की संचालक नवीपनाह गांव निवासी लक्ष्मी सिंह ने मुनेश्वर और मलिहाबाद निवासी ओमवीर यादव की मदद से उन पर नवजात को बेचने का दबाव बनाया था। इसके लिए महिंगवा निवासी श्यामा देवी की मदद ली। हालांकि, आरती ने मना कर दिया और घर लौट गईं।
आरती के अनुसार, सोमवार दोपहर 12 बजे वह नवजात को दिखाने टेढ़ीपुलिया चौराहा कुर्सी रोड स्थित अस्पताल जा रही थीं। चौराहे पर श्यामा मिली और अस्पताल में किसी को दिखाने आने की बात कही। अस्पताल जाते समय वह नित्य क्रिया के लिए गईं। देखभाल के लिए नवजात श्यामा को दे दिया। कुछ देर बाद लौटीं तो नवजात और श्यामा नहीं मिले। मंगलवार को अमर उजाला अखबार में बेटे का फोटो छपा देखा तो थाने पहुंचीं और पुलिस को आपबीती बताई।
एडीसीपी नाॅर्थ के मुताबिक चारों आरोपी बच्चा चोरी करने वाले गिरोह से जुड़े हैं। पूछताछ में श्यामा ने बताया कि मंगलवार दोपहर 2:30 बजे मौर्या भट्टा, नहर रोड पर मुनेश्वर नवजात को लेने आने वाला है। वह 1.99 लाख रुपये में बच्चे को बेचने वाली थी। इसके बाद मुनेश्वर उसे किसी और को मोटी रकम लेकर बेच देता। इसकी जानकारी मिलने पर दरोगा रामगोपाल यादव के साथ गुडंबा पुलिस ने मुनेश्वर व ओमवीर यादव को गिरफ्तार कर लिया। मुनेश्वर अपनी चचेरी बहन लक्ष्मी सिंह के साथ माल में पॉलीक्लीनिक चलाता है।
गिरफ्तार ओमवीर की दुबग्गा में संजीवनी पॉलीक्लीनिक के नाम से अस्पताल है। पुलिस यह पता लगा रही है कि आरोपियों ने इससे पहले कितने बच्चों को चोरी कर बेचा है। पुलिस दोनों के पॉलीक्लीनिक की भी जांच करेगी।
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