अंडा उत्पादक किसानों का धरना प्रदर्शन आज 17 फरवरी को भी पशुपालन निदेशालय के समक्ष जारी

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अंडा उत्पादक किसानों का धरना प्रदर्शन आज 17 फरवरी को भी पशुपालन निदेशालय के समक्ष जारी
लखनऊ, 17 फरवरी। उत्तर प्रदेश के अंडा उत्पादक किसानों का दिनांक 13 फरवरी से शुरू हुआ धरना प्रदर्शन पशुपालन निदेशालय लखनऊ में आज भी दिनांक 17 फरवरी को जारी रहा। प्रदेश के कोने-कोने से आए किसानों ने अपनी मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने अपनी प्रमुख मांगों जैसे एनईसीसी पर पूर्ण प्रतिबंध, अंडे के रेट निर्धारण समिति का गठन, अंडों पर खाद्य सुरक्षा मानकर प्राधिकरण के मानकों के अनुरूप अंडों पर उत्पादन तिथि, उत्पादन का स्थान एवं अंतिम उपभोग अवधि अंकित करने जैसे संवैधानिक प्रावधानों को तुरंत लागू करने की मांग की। समिति के अध्यक्ष वी पी सिंह ने कोल्ड स्टोरेज में अंडों को रखने हेतु खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण कि नियमों के अनुरूप तुरंत शासनादेश जारी किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह धरना प्रदर्शन सरकार के खिलाफ नहीं है बल्कि अंडा उत्पादकों एवं सरकार की पोल्ट्री पॉलिसी को असफल करने में जुटे हुए एनईसीसी और अन्य अंडा माफियाओं के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा अगर हम किसानों की मांगो को नही पूरा किया गया तो सभी अंडा उत्पादक किसान आमरण अनशन पर बैठकर भूख हड़ताल करेंगे, साथ ही उन्होंने यह आग्रह निवेदन कि हमारे जनप्रतिनिधि कुक्कुट किसानों की इस समस्या को 18 फ़रवरी 2025 को शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में उठाएं। समिति के पूर्वांचल प्रभारी डी. पी. सिंह ने बताया खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण ने 2011 में अंडों को मांसाहारी खाद्य की श्रेणी में रखा है और उत्तर प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज में अंडे सब्जियों एवं आलू आदि के लिए बने हुए कोल्ड स्टोरेज में रखे जा रहे हैं। सहारनपुर के जिला अध्यक्ष रविंद्र कुमार ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज में रखे अंडा उत्पादन तिथि से केवल 35 दिन के अंदर ही खाया जा सकता है लेकिन अंडा माफिया और एनईसीसी महीनों तक कोल्ड स्टोरेज में अंडा रखकर बेच रहे हैं जिसके कारण प्रदेश के किसानों का ताजा अंडा उत्पादन लागत से भी कम मूल्य पर बिक रहा है। समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता मंसूर अहमद ने अंडों को रखने के लिए तुरंत मानक बनाने एवं उनके कोल्ड स्टोरेज को अलग से लाइसेंस देने की व्यवस्था करने की मांग की। जौनपुर के जिलाध्यक्ष वरुण श्रीवास्तव, बिजनौर के निश्चल, गोरखपुर के संदीप मोदनवाल‌ आदि समस्त जिलाध्यक्षों ने अंडों के स्थगित शासनादेश को गैर विवादित बिंदुओं के साथ तुरंत जारी करने की मांग की। समिति के मीडिया प्रभारी वसी उल हसन, उपाध्यक्ष उमैर अब्बासी ने कहा कि सरकार ने किसानों की आजीविका बचाने के लिए न्यायोचित मांगों को शीघ्र नहीं माना तो वर्तमान बजट सत्र में विधायकों को अंडा उत्पादकों की समस्या से अवगत कराते हुए इस पर प्रभावी ढंग से विधानसभा में उठाया जाएगा। प्रदर्शन में विजेंद्र सिंह, रवि सिंह, पूर्वांचल प्रभारी डीपी सिंह, पश्चिमांचल प्रभारी मंसूर एहमद, वरुण श्रीवास्तव, गुडलक सिंह, निश्चल सिंह, कमरे आलम, माज़ अजमल, अमान, फैय्याज, एहसान, अशोक वर्मा, कुलदीप सिंह, साहिल राणा, विशाल सिंह , अब्दुल बासित, असद रज़ा, सद्दाम आदि सहित हजारों किसानों ने मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।

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