घाट से धाम तक का सफर, दिखने लगा गोमती मित्रों के काम का असर
केएमबी संवाददाता
सुल्तानपुर। जिन्हें भी 2012 के पहले के सीताकुंड की धुंधली सी छवि भी याद हो उन्हें तब के और आज के सीताकुंड में जमीन और आसमान का अंतर नजर आता होगा और यही है सीताकुंड घाट से सीताकुंड धाम तक का सफर, निःसंदेह गोमती मित्र मंडल ने अपने व्यक्तिगत प्रयास और संसाधनों से बद से बदतर की ओर जाते इस स्थान को आज नगर के सबसे खूबसूरत स्थान की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है और जब बात आती है गोमती आरती की तो वहां उमड़ने वाला जन सैलाब गोमती मित्रों के प्रयासों पर मोहर सा लगाता प्रतीत होता है,12 वर्षों से दैनिक श्रमदान से लेकर साप्ताहिक,तिमाही,छमाही,वार्षिक श्रमदान का लंबा सफर लेकिन गोमती मित्रों की जिद ना थकने देती है ना रुकने देती है,, रविवार 16 फरवरी का श्रमदान भी प्रातः 6:00 बजे से शुरू हुआ और 9:00 तक पूरे परिसर को साफ सुथरा करने के साथ समाप्त हुआ। संरक्षक रतन कसौधन, प्रदेश अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह मदन, मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी, संत कुमार प्रधान, मुन्ना सोनी, मुन्ना पाठक, राम क्विंचल मौर्या, राकेश सिँह दद्दू, दिनकर सिंह, दाऊ जी कैलाशी, आलोक तिवारी, अजय वर्मा, सुजीत कसौधन, रामकुमार मौर्य, विकास शर्मा, अनुज प्रताप सिंह, सोनू सिंह, अर्जुन, अभय, आयुष, अर्पित, हैप्पी, तुषार, अरुण आदि पूरे समय उपस्थित रहे।
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