इस्लामिक सेंटर ने शब-ए-बारात पर "क्या करना है, क्या नहीं करना है" पर जारी की एडवाइजरी
लखनऊ। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि शब-ए-बरात इबादत की रात है। इस रात में मुसलमान सिर्फ इबादत करें और फिजूल के कामों से दूर रहें। मंगलवार को मौलाना ने शब-ए-बरात के संबंध में एडवाइजरी जारी कर बताया कि मुसलमानों को इस रात में क्या करना है और किन चीजों से दूर रहना है। ऐशबाग ईदगाह स्थित इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया फरंगी महल में बैठक की अध्यक्षता करते हुए मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि शब-ए-बरात बरकत वाली रात है, इसमें नफली नमाजें पढ़ी जाती हैं और कुरान पाक की तिलावत के साथ ही वजीफे पढ़े जाते हैं। इस रात में अपने और दूसरों के लिए दुआएं मांगने के साथ कब्रिस्तानों में जाकर बुजुर्गों और रिश्तेदारों के लिए मगफिरत की दुआ की जाती हैं।
मौलाना ने कहा कि शब-ए-बरात में कब्रिस्तान जाते समय निर्धारित पार्किंग में ही गाड़ी खड़ी करें, ताकि किसी को परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि शाबान का पूरा महीना फजीलतों का है। इस महीने में गरीबों को खैरात करें। किसी भी प्रकार की आतिशबाजी न करें। मौलाना ने कहा कि इस मुबारक रात में मोटर साइकिल स्टंट कतई न करें और दूसरे फिजूल कामों से भी दूर रहें। अपने घर वालों के साथ पूरे देश की हिफाजत, उन्नति और अमन के लिए दुआ करें। जरूरतमंदों, गरीबों और बीमारों की मदद करके अपने पुरखों को सवाब पहुंचाएं।
मौलाना ने कहा कि शब-ए-बरात के अगले दिन 14 फरवरी को रोजा रखें। बैठक में दारुल उलूम निजामिया फरंगी महल के प्रधानाचार्य मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीकी, ऑल इंडिया सुन्नी बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद मुश्ताक, मौलाना मोहम्मद जफरुद्दीन नदवी और मौलाना मोहम्मद सुफयान निजामी मौजूद रहे।
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