लोकसभा में प्रयागराज महाकुंभ पर बोले PM मोदी-दुनिया ने देखा भारत का 'विराट स्वरूप'
केएमबी संवाददाता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकुंभ को भारत के इतिहास में अहम मोड़ करार देते हुए मंगलवार को लोकसभा में कहा कि दुनिया ने देश के विराट स्वरूप को देखा और यह 'सबका प्रयास' का साक्षात स्वरूप था। उन्होंने निचले सदन में प्रयागराज महाकुंभ को लेकर दिए एक वक्तव्य में यह भी कहा कि महाकुंभ से 'एकता का अमृत' और कई अन्य अमृत निकले हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज मैं इस सदन के माध्यम से देशवासियों को नमन करता हूं जिनकी वजह से महाकुंभ का सफल आयोजन हुआ है। महाकुंभ की सफलता में अनेक लोगों का योगदान है.. मैं सभी कर्मयोगियों का अभिनंदन करता हूं।'
देश को नई दिशा दी
पीएम ने कहा कि 'महाकुंभ ने उन शंकाओं और आशंकाओं को उचित जवाब दिया है जो हमारे सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों के मन में रहती हैं।' उन्होंने कहा कि महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं और एकता का अमृत इसका बहुत पवित्र प्रसाद है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ ऐसा आयोजन रहा जिसमें देश के हर क्षेत्र से, हर कोने से आए लोग एक हो गए और 'अहम्' त्याग कर 'वयम्' के भाव से प्रयागराज में जुटे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया, 'देश के इतिहास में कई ऐसे पल आए हैं जिन्होंने देश को नई दिशा दी और देश को झकझोर कर जागृत कर दिया।'
गांधी, बोस का जिक्र किया
मोदी ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो सर्वधर्म सम्मेलन में दिए गए भाषण, गांधीजी के 'दांडी मार्च' और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 'दिल्ली चलो' का नारा देने जैसे ऐतिहासिक अवसरों का उल्लेख करते हुए कहा, 'मैं प्रयागराज महाकुंभ को भी ऐसे ही एक अहम पड़ाव के रूप में देखता हूं जिसमें जागृत होते भारत का प्रतिबिंब दिखा।' उन्होंने अपनी हालिया मॉरीशस यात्रा का जिक्र करते हुए बताया, 'मैं पिछले सप्ताह त्रिवेणी का पवित्र जल मॉरीशस लेकर गया था, जब उस जल को वहां के गंगा तालाब में प्रवाहित किया गया तो वहां बहुत ही उत्साह और आस्था का माहौल था।'
आस्था और परंपराओं को अपना रही युवा पीढ़ीप्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा कि महाकुंभ से प्रेरणा लेते हुए हमें नदी उत्सव की परंपरा को नया विस्तार देना होगा, हमें इस बारे में जरूर सोचना चाहिए जिससे वर्तमान पीढ़ी को पानी का महत्व समझ में आएगा और नदियों की साफ-सफाई के साथ-साथ नदियों की रक्षा भी होगी। उन्होंने कहा कि भारत की नई पीढ़ी महाकुंभ से जुड़ी और यह युवा पीढ़ी आज गर्व के साथ अपनी आस्था और परंपराओं को अपना रही है।